Friday 24 June 2016

परमात्मा का पता (Prmatama Ka Pata)

        परमात्मा का पता  




स्वामी रामतीर्थ विदेश यात्रा से लोटे ! गढ़वाल के राजा उनके भक्त थे ! उन्होंने स्वामी रामतीर्थ से प्राथना की , कोई ऐसा मार्ग बताये जिससे मुझे परमात्मा के दर्शन हो जाये ! रामतीर्थ ने कहा आपको परमात्मा के दर्शन करवा दुगा ! बस  आप अपना नाम और पता दे दें  ताकि में वह परमात्मा तक पंहुचा सकु ! राजा ने अपना नाम और पता लिख कर उन्हें दे दिया ! तब रामतीर्थ ने पूछा , "क्या आप साठ साल पहले यही थे , और क्या पचास साल बाद भी आपका पता यही रहेगा ? " राजा ने हैरान होकर कहा , क्या बात करते है  आप , साठ साल पहले तो मेरा जन्म ही नही हुआ था !और पचास साल बाद में रहुगा की नही यह कौन जनता है ! स्वामी जी ने कहा, " जब आपको अपना ही पता नहीं , तब परमात्मा का पता कैसे पाएंगे ? पहले अपना पता कर ले, परमात्मा दर्शन अपने आप हो जायेगे !"

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