Tuesday, 2 August 2016

15 साल की उम्र में छोड़ा घर , झुग्गी में रहे , अख़बार बेचा अब 10 हजार करोड़ रूपये की एप कंपनी के है मालिक

अम्बरीश पैदा कोलकाता में हुए। बचपन धनबाद में बिता। अम्बरीश का मन पढ़ाई में कम लगता था ,स्कूल में अक्सर फेल हो जाते थे । पिता चाहते थे की बेटा इंजीनियर बने ,लेकिन अम्बरीश को कंप्यूटर पंसद था।  आखिर घर छोड़ने का फैसला कर लिया। पिता के नाम खत लिखा बताया की घर छोड़कर जा रहा हु तब उनकी उम्र 15 वर्ष थी। पिता को बताया था की मुम्बई जा रहा हु पर हीरो बनने नही। परन्तु रास्ते में इरादा बदल गया और मुम्बई की बजाय दिल्ली चले गए। वहा एक झुग्गी में उन्हें ढिकाना मिला। कमरे में 6 लोग रहते थे।  खर्च जुटाने के लिए अम्बरीश अख़बार मैगजीन बेचते थे और रेस्तरां में काम करते थे।  एक दिन अख़बार में विज्ञापन देखा।  उसमे बिजनेस आइडीया मांग गया था। पांच लाख का इनाम था। अम्बरीश ने महिलाओ को मुफ्त में इंटरेनट देने का आइडिया दिया और यह इनाम के लिए चुन लिए गए इसी पैसे से अम्बरीष ने "वुमेन इन्फोलाइन" शुरू किया।  अब 37 वर्ष के अम्बरीश कहते है , 'तब में अच्छा लीडर नही था कंपनी में मुनाफा नही हो रहा था। 2000 में कंपनी छोड़ दी।  वुमन इन्फोलाइन में काम करते जो पैसे जुटाए थे।  उससे इंग्लैंड जाने का फैसला किया।  वहा टेक्नोलॉजी कंपनी शुरू करना चाहते थे लेकिन सफलता नही मिली।  जो पैसे थे , सब खर्च हो गए।

                   फिर एक बीमा कंपनी ज्वाइन की।  इसी दौरान शराब की लत लग गई। एक दिन लंदन के एक पब में शराब पीते - पीते किस्मत ने करवट ली।  दोस्त उमर तैयब के साथ पब में बैठे थे।  आखिरी पैग के लिए अम्बरीश ने काउंटर पर 15 डॉलर रखे और मजाक में कहा , कितना अच्छा होता की नोट से महारानी एलिजाबेथ बाहर आ जाती।  यही मजाक बिजनेस आइडिया बन गया। उमर ने अम्बरीश की फोटो ली और उसे महारानी की फोटो पर सुपरइम्पोज कर दिया। फिर दोनों ने मिलकर इस एप को डेवलप करने की सोची। और इस तरह  "Blippar"   कंपनी का जन्म हुआ। 

                  अम्बरीश ने 2011 में "Blippar" लांच की थी। यह पोकमैन गो की तरह मोबाइल फोन के लिए 'ऑग्मेंटेड रियलिटी' एप्स बनाती है।   "Blippar" एप्स भी काफी लोकप्रिय हो रहे है।  इस कंपनी का 12 जगहों पर ऑफिस है करीब 300 स्टाफ है। कंपनी 650 करोड़ रूपये का निवेश जुटा चुकी है इसने जगुआर ,यूनिलीवर , नेस्ले जैसी कंपनीयो के साथ टाई-अप किया है। 

No comments:

Post a Comment