Monday 27 June 2016

देखने का नजरिया (Dekhne ka njriya)

यथा दृष्टि तथा सृष्टि 

इस छोटे से वाक्य में जीवन का सार है जिस व्यक्ति की दुनिया देखने की जैसी नजर होगी दुनिया उसे वैसी ही दिखेगी अगर कोई कोई व्यक्ति सिर्फ बुराइयो की ओर नजर गाडे बैठा रहेगा तो उसे चारो तरफ बुराइया ही दिखेगी परन्तु यदि कोई व्यक्ति केवल हर तरफ अच्छाइयो पर नजर रखेगा तो उसे हर तरफ अच्छाइया नजर आएगी। 

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