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Thursday, 18 August 2016
Tuesday, 16 August 2016
Sunday, 7 August 2016
Friday, 1 July 2016
मुर्ख - महामुर्ख
अनपढ़ अंधविश्वासी हो तो वह मुर्ख कहलाता है।
ज्ञानी अंधविश्वासी हो तो वह महामुर्ख कहलाता है।
ज्ञानी अंधविश्वासी हो तो वह महामुर्ख कहलाता है।
Wednesday, 29 June 2016
असफलता नाम की बीमारी को दूर करने की दवाई
Confidence and Hard work is the best
medicine to kill the disease called failure
It will make you successful person
A.P.J. Abdual Kalam
असफलता नाम की बीमारी को दूर करने की
सर्वोत्तम दवाई है आत्मविश्वास और कठिन परिश्रम।
यह दवाई इंसान को सफल बनाती है।
medicine to kill the disease called failure
It will make you successful person
A.P.J. Abdual Kalam
असफलता नाम की बीमारी को दूर करने की
सर्वोत्तम दवाई है आत्मविश्वास और कठिन परिश्रम।
यह दवाई इंसान को सफल बनाती है।
Tuesday, 28 June 2016
अपना रास्ता खुद चुनिये
भीड़ हमेशा उस रास्ते पर चलती है जो रास्ता आसान लगता है , लेकिन इसका मतलब यह नहीं की भीड़ हमेशा सही रास्ते पर ही चलती है , अपना रास्ता खुद चुनिये क्योकि आपको आपसे बेहतर और कोई नहीं जानता।
मार्ग
किसी दिन , जब आपके सामने कोई समस्या न आये तो आप सुनिश्चित हो सकते है कि आप गलत मार्ग पर चल रहे है।
Monday, 27 June 2016
मानव एक अभिनेता है
मानव एक अभिनेता है
इस धरती पर प्रत्येक मनुष्य अपना किरदार निभा रहा है परन्तु सबसे अच्छा अभिनय वह मानव करेगा जिसे यह पता हो की उसे कोनसा किरदार निभाना है।
पहले सीखो फिर करो (Pehle Sikhe Fir Kre)
पहले सीखो फिर करो
अगर आपको तैरना नहीं आता और आप तालाब में छलांग लगा दे तो क्या होगा ? इसलिए पहले तैरना सीख ले फिर तालाब में छलाग लगाइये इसी प्रकार जीवन कुछ भी नया काम करने से पहले उसे सिख ले फिर उस काम को करें जैसे अगर आप कोई व्यापर करना चाहते हो तो पहले व्यापर करना सीखे फिर व्यापर करें इससे आप के सफल होने की सम्भावना बढ़ जाएगी।
मन और बुद्धि
मन और बुद्धि
मन को नियंत्रित करना आसान नहीं है क्योकि मन बहुत शक्तिशाली है। मन को केवल बुद्धि (विवेक ) द्वारा वस में किया जा सकता है
मानव मशीन (Human Machine)
मानव मशीन
यह कितना अजीब है परन्तु सच है की मानव खुद एक मशीन है और यह मशीन गजब की मशीन है। और यह मशीन ऑटोमेटिक चलती है , जी हा। मानव के खुद के हाथ में क्या है वह खुद इस बॉडी पर कितना नियंत्रण कर सकता है श्वास लेना और श्वास छोड़ना भी उसके हाथ में नहीं है यह स्वतः होता है खाना खाते हम अपने अनुसार है परन्तु उसके बाद वह खाना कैसे पचता है कैसे उस भोजन से खून बनता है कैसे खून ह्रदय के माध्यम से बॉडी के प्रत्येक नाड़ी तक पहुंचता है यह सब कुछ स्वतः होता है। अच्छा है कि यह सब कुछ मानव के नियंत्रण में नहीं है वरना मानव अपने शरीर को तहस नहस करें देता।
देखने का नजरिया (Dekhne ka njriya)
यथा दृष्टि तथा सृष्टि
इस छोटे से वाक्य में जीवन का सार है जिस व्यक्ति की दुनिया देखने की जैसी नजर होगी दुनिया उसे वैसी ही दिखेगी अगर कोई कोई व्यक्ति सिर्फ बुराइयो की ओर नजर गाडे बैठा रहेगा तो उसे चारो तरफ बुराइया ही दिखेगी परन्तु यदि कोई व्यक्ति केवल हर तरफ अच्छाइयो पर नजर रखेगा तो उसे हर तरफ अच्छाइया नजर आएगी।
पशुता की निशानी है (Pasuta Ki Nishani)
यदि आपको देखकर सामने वाला इंसान भयभीत हो जाये डर जाये तो यह आपकी बहादुरी नहीं बल्कि पशुता की निशानी है।
Saturday, 25 June 2016
सफल होने का तरीका (Sfal Hone Ka tarika )
सफल होने का तरीका
एक विचार लो , उस विचार को अपना जीवन बना लो - उसके बारे में सोचो उसके सपने देखो , उस विचार को जियो अपने मस्तिष्क , मांशपेशियों , नशो , शरीर के हर हिस्से लो उस विचार में दुब जाने दो और बाकी विचारों को किनारे रख दो यही सफल होने का तरीका है।
स्वामी विवेकान्नद
Thursday, 13 August 2015
चाहत
आज तू अपने आप से एक प्रश्न पूछ कि क्या तुझमे 'चाहत' है :-
अगर तुझमे चाहत है कुछ करने की तो बिना एक पल रुके शुरू हो जा !
अगर तूझमें चाहत है कुछ पाने की तो बिना एक पल देर किये उसकी तरफ एक कदम बड़ा दे !
अगर तूझमें चाहत है कुछ बनने की तो दुनिया को बनके दिखा दे !
अगर तूझमें चाहत है तेज दौड़ती दुनिया के साथ दौड़ने की तो उस रफ़्तार के साथ दौड़ के दिखा दे !
अगर तुझमे चाहत है आसमान छूने की तो किसका इंतजार कर रहा है !
अगर तुझमे चाहत है दुनिया बदलने की तो जा बदल दे दुनिया क्योंकि दुनिया इंतजार कर रही है बदलाव का !
अगर तुझमे चाहत है दुनिया से बुराई मिटाने की तो तू शुरुवात तो कर फिर देख तेरी चाहत कितने लोगो की चाहत बनती है !
तू चाहत रख किसी को अपना बनाने की , तू चाहत रख किसी का बनने की !
तू चाहत रख अपने तन मन में कुछ करने की जिस दिन तुझमे यह चाहत नही रही उस दिन तेरा इस दुनिया में होना या न होना कुछ मायने नही रखेगा इसलिए चाहत रख अपनी पहचान बनाने की !
Friday, 7 August 2015
छोटा और बड़ा दुख
एक बार एक नवयुवक अपने गुरु से बोला, ' गुरु जी मै अपनी जिंदगी से बहुत परेशान हूँ , कृपया इस परेशानी से निकलने का उपाय बताए ! गुरूजी बोले, ' पानी से भरे इस लोटे में एक मुठी नमक डालो और उसे
पियो !' युवक ने ऐसा ही किया ! 'इसका स्वाद कैसा लगा ? ' गुरु ने पूछा ! युवक थूकते हुए बोला बहुत ही खारा ! गुरूजी मुस्कराते हुए बोले, ' एक बार फिर अपने हाथ में एक मुठी नमक लेलो और मेरे पीछे-पीछे आओ !' दोनों धीरे-धीरे आगे बढ़ने लगे और थोड़ी दूर जाकर स्वच्छ पानी से बनी झील के सामने रुक गए ! 'चलो अब इस नमक को पानी में डाल दो !' गुरूजी ने निर्देश दिया ! युवक ने ऐसा ही किया ! गुरूजी बोले अब इस झील का पानी पियो ! युवक पानी पिने लगा ! एक बार फिर गुरूजी ने पूछा, 'बताओ इसका स्वाद कैसा है ? क्या अब भी तुम्हे ये खारा लग रहा है ?' युवक बोला, 'नही ,ये तो मीठा है , बहुत अच्छा है। ' गुरूजी युवक का हाथ थामते हुए बोले 'जीवन के दुख बिलकुल नमक की तरह है। न इससे कम और न ज्यादा !' ये इस पर निर्भर करता है कि हम उसे किस पात्र में डाल रहे है। इसलिए जब तुम दुखी हो तो सिर्फ इतना कर सकते हो कि खुद को बड़ा कर लो !लोटा मत बने रहो, झील बन जाओ।
Thursday, 6 August 2015
नशा INTOXICATION
'नशा ' बीसवीं शताब्दी का सबसे लोकप्रिय शब्द जिसने करोड़ो व्यक्तियों को दीवाना बना रखा है ! धनी-निर्धन बालक-वृद्ध, शिक्षित- अशिक्षित, स्त्री- पुरुष और मालिक- मजदूर सभी इसके शिकंजे में ऐसे फसे हुए है कि उनका बाहर निकलना संभव नही !
नशे के अनेक साधन है ! जैसे शराब , गांजा , अफीम , चरस आदि ! कुछ नशे के इंजेक्शन भी प्रचलित है ! इसके अलावा स्प्रिट, अल्कोहल से तैयार कई प्रकार की विषैली मदिरा भी खूब उपयोग में लाई जाती है ! और इसको पीने से कई बार कई लोगो की एक साथ मोत हो जाती है !
नशा बड़ा विचित्र होता है ! इसमें अपार आकर्षण होता है ! आरम्भ में व्यक्ति शोक से पीते है किन्तु धीरे-धीरे इसके आदि हो जाते है ! एक बार अगर लत लग गई तो समझो बेचारा गयासे काम ! कुछ घर में खाने को हो या न हो, नशा अवश्य होना चाहिए ! घर में बच्चे भूखे ही क्यों न रहे , श्रीमान जी तो जरूर पियेंगे ! न जाने कितने घर इस नशे के कारण तबाह हो चुके है और कितने ही रोज घर तबाह हो रहे है किन्तु फिर भी नशेड़ी शाम आने पर अपने सारे वादे भूलकर फिर उस पाप की भटी में कूदकर अपने दिल-दिमाग़ को जला डालते है ! जेब में पैसे होने पर नशेबाज बादशाह होता है और जेब खली होने पर यही बादशाह भिखारी ,चोर ,डाकू ,जेबकतरा यहाँ तक की कभी - कभी खुनी तक बन जाता है ! कई लोग अपने नशे की आदत के कारण अपनी बीवी और बेटी की इज्जत को बेच डालते है ऐसे लोगो के साथ क्या किया जाये ? मेरे देश का भविष्य इस नशे के कारण केसा होगा?
वैसे तो सारे नशे एक से बढ़कर एक है जो इंशान को हैवान ही नही बल्कि शैतान बना देती है , परन्तु इन सब में शराब अव्वल है ! क्योकि यह एक ऐसा नशा है जिसकी मात्रा दिन-प्रतिदिन बढ़ती जाती है और धीरे -धीरे इन्शान का पूरा विनाश हो जाता है !
आज के युग में नशे की गोलियों का प्रचलन बड़ी तीव्र गति से बढ़ रहा है ! कितने ही युवा इसकी चपेट में आ चुके है ! वाह रे नशे तूने मेरे भारत के नागरिको का सर्वनाश कर डाला है !
संभलो मेरे देशवाशियो ! छोड़ो इस राक्षश नशे की मित्रता ! रक्षा करो इस बहुमूल्य जीवन की जो कि तुम्हे परमात्मा ने दिया है ! कल के भारत की कल्पना करो हे मेरे देश के युवाओ तुम में दुनिया बदलने की ताकत है तुम इस ताकत को नशे में मत गवाओ ! आगे बढ़ो और इस देश को नशे से मुक्ति दिलाओ ! इसमें ही हम सब का कल्याण है !
धन्यवाद
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