Thursday, 25 August 2016
Saturday, 20 August 2016
फर्क सिर्फ सोच का होता है(Sweat Short Story)
एक छोटा सा बच्चा अपने दोनों हाथो में एक एक सेब लेकर खड़ा था
उसके पापा ने मुस्कराते हुए कहा कि बेटा एक सब मुझे दे दो
इतना सुनते ही उस बच्चे ने एक सेब को दांतो से कुतर लिया
उसके पाप कुछ बोल पाते उसके पहले ही उसने अपने दूसरे सेब को भी दांतो से कुतर लिया।
अपने छोटे से बेटे की इस हरकत को देखकर बाप ठगा सा रह गया और उसके चेहरे पर मुस्कान गायब हो गई थी।
तभी उसके बेटे ने अपने नन्हे हाथ आगे की ओर बढ़ाते हुए पापा को कहा
पाप ये लो ये वाला ज्यादा मीठा है. शायद हम कभी कभी पूरी बाते जाने बिना निष्कर्ष पर पहुँच जाते है।
किसी ने क्या खूब लिखा है
नजर का आपरेशन तो सम्भव है
पर नजरिये का नही.... ?
फर्क सिर्फ सोच का होता है.....
वरना, वही सीढ़िया ऊपर भी जाती है और नीचे भी आती है।
उसके पापा ने मुस्कराते हुए कहा कि बेटा एक सब मुझे दे दो
इतना सुनते ही उस बच्चे ने एक सेब को दांतो से कुतर लिया
उसके पाप कुछ बोल पाते उसके पहले ही उसने अपने दूसरे सेब को भी दांतो से कुतर लिया।
अपने छोटे से बेटे की इस हरकत को देखकर बाप ठगा सा रह गया और उसके चेहरे पर मुस्कान गायब हो गई थी।
तभी उसके बेटे ने अपने नन्हे हाथ आगे की ओर बढ़ाते हुए पापा को कहा
पाप ये लो ये वाला ज्यादा मीठा है. शायद हम कभी कभी पूरी बाते जाने बिना निष्कर्ष पर पहुँच जाते है।
किसी ने क्या खूब लिखा है
नजर का आपरेशन तो सम्भव है
पर नजरिये का नही.... ?
फर्क सिर्फ सोच का होता है.....
वरना, वही सीढ़िया ऊपर भी जाती है और नीचे भी आती है।
Thursday, 18 August 2016
परमात्मा वही है जहा तुम हो
परमात्मा वही है जहा तुम हो। हम परमात्मा के सागर की मछलिया है। मछली , सागर को खोजने निकलेगी तो बड़ी मुश्किल में पड़ जाएगी। कैसे खोज पायेगी ? खोजना नही है परमात्मा को जीना है। परमात्मा को पियो। परमात्मा को ही नाचो। परमात्मा में ही तुम हो। तुम्हारी श्वास श्वास में रमा है कहा नही है ? ऐसा कोई स्थान खोज सकते हो जहा परमात्मा नही हो ? सर्व्यापक का नाम ही परमात्मा है। दोहराते हो तोते की तरह की परमात्मा सर्वव्यापक है और पूछते हो परमात्मा कहा है ?
आचार्य रजनीश
Tuesday, 16 August 2016
Sunday, 7 August 2016
Saturday, 6 August 2016
पुरुषो के जवान और खूबसूरत दिखने के तरीके (Tips for Man to look handsome and young in hindi)
पुरुष जवान और खूबसूरत दिखने के लिए स्वस्थ खान पान से लेकर ब्यूटी ट्रीटमेंट के साथ साथ न जाने क्या क्या क्या करते है। लेकिन कुछ आसान उपाय आपको यंग और हेंडसम बना सकते है यंग और हेंडसम दिखने के लिए सबसे इम्पोटेंट उपाय है
1. रोज शेविंग से बचे - रोज शेव करने से आपकी त्वचा की ऊपरी परत पर असर पड़ता है इससे चेहरे की त्वचा खुरदरी हो जाती है इसलिये हर रोज शेव करने से बचे। अगर आप यंग और हेंडसम दखने की चाह रखते है तो यह आपके लिए सबसे अच्छा उपाय है।
2. त्वचा की नमी को रखे बरकरार -मॉइस्चराइज करना त्वचा को ड्राई होने से रोकता है और ड्राइनेस दूर करने का यह सबसे अच्छा तरीका है
3. क्लीजिंग करे - क्लीजिंग करे अपने डेली रूटिंग में क्लीजिंग को शामिल करे। प्रतिदिन दिन में 2 बार अपने चहरे की सफाई करे।
4. सनस्क्रीन लोशन का इस्तेमाल करे इससे धुप में त्वचा का बचाव होता है।
5.दांतो की सफाई अच्छे से करे अगर आप के दांत पिले है तो आपका आकर्षक चेहरा भी सुंदर नही लगेगा।
अमर बलिदानी नानक भील 15 अगस्त विशेष
देश की आजादी के लिए अपने प्राण न्योछावर करने वाले नानक भील का जन्म बूंदी जिले के धनेश्वर गांव में हुआ था पिता का नाम भेरूलाल भील था। नानक अपने भाई बहिनो में सबसे बड़े थे। बचपन में ही माँ का साया सिर से उठ गया था। परिवार की हालत ज्यादा अच्छी नही थी इसलिए नानक का बचपन सघर्स में ही निकला। इसी के साथ देशप्रेम के संस्कार भी उसे बचपन से ही मिल गए थे। वह हाथ में तिरंगा लिए देशप्रेम के गीत गाते हुए गलियो में घूमा करता था।
उन दिनों देशी रियासतों के लोगो पर दोहरे अत्याचार हो रहे थे। इन रियायतों के राजा जमकर जनता का शोषण करते थे। अंग्रेज भी उल्टे - सीधे जन -विरोधी आदेश इन रियायतों पर थोपते रहते थे। बूंदी रियासत में भी जनता पर तरह तरह के करो के बोझ लाद दिए गए। कर लगान आदि न चुकाने पर रियासतों की फ़ौज लोगो पर अत्याचार करती थी। किसानों का जीना दूभर हो गया था। उन्ही दिनों क्रांतिकारी विजय सिंह पथिक बिजोलिया और बेंगू में किसानों को अपने हक के लिए लड़ने को प्रेरित कर रहे थे। इसी के साथ वे आजादी का भाव भी जन-मानस में जगा रहे थे।
एक दिन सुबह के समय डाबी गांव में एक बरगद के पेड़ नीचे विशाल जनसभा आयोजित की गई। जनसभा में सेकड़ो लोग एकत्रित हुए थे। मंच पर नानक जोशीले नारे लगा रहे थे। वे विजय सिह पथिक द्वारा रचित गीत "प्राण मित्रो भले ही गवाना ,पर न झंडा नीचे झुकना "बुलन्द आवाज में गा रहे थे। गीत के अंत में नानक ने महात्मा गाँधी की जय का उद्घोष किया। पूरी सभा ने बुलंद आवाज में जय-कारा लगाया।
इतने में बूंदी रियासत की पुलिस के मुखिया इकराम खान ने लोगो को चारो ओर से घेर लिया। यह देख सभा में बैठे लोग उतेजित हो पुलिस और अंग्रेजी राज के खिलाफ नारे लगाने लगे। इकराम खान अंग्रेजो का पिटठू था और किसी भी प्रकार किसान आंदोलन को दबाने के आदेश उसे दे दिए गए थे। उनसे आव देखा न ताव , तुरन्त गोली चलाने का हुक्म दे दिया। पहली गोली मंच पर गीत गा रहे नानक भील के सीने पर लगी और वे मंच पर ही शहीद हो गए। इसी समय जूझा भील ने इकराम खा की कनपटी पर जोर से लाठी प्रहार किया। इकराम वही ढेर हो गया। इस सभास्थल पर भगदड़ मच गई। इस बीच कुछ लोग नानक का शव चुपचाप पास के जंगल में ले गए। और जंगल में ही नानक के शव का दाह संस्कार कर दिया उस समय भारी सख्या में लोग वह पहुचे। जिस स्थान पर नानक भील को गोली लगी थी , वहा पर उनकी स्मृति में एक छतरी बनाई गई।
उन दिनों देशी रियासतों के लोगो पर दोहरे अत्याचार हो रहे थे। इन रियायतों के राजा जमकर जनता का शोषण करते थे। अंग्रेज भी उल्टे - सीधे जन -विरोधी आदेश इन रियायतों पर थोपते रहते थे। बूंदी रियासत में भी जनता पर तरह तरह के करो के बोझ लाद दिए गए। कर लगान आदि न चुकाने पर रियासतों की फ़ौज लोगो पर अत्याचार करती थी। किसानों का जीना दूभर हो गया था। उन्ही दिनों क्रांतिकारी विजय सिंह पथिक बिजोलिया और बेंगू में किसानों को अपने हक के लिए लड़ने को प्रेरित कर रहे थे। इसी के साथ वे आजादी का भाव भी जन-मानस में जगा रहे थे।
एक दिन सुबह के समय डाबी गांव में एक बरगद के पेड़ नीचे विशाल जनसभा आयोजित की गई। जनसभा में सेकड़ो लोग एकत्रित हुए थे। मंच पर नानक जोशीले नारे लगा रहे थे। वे विजय सिह पथिक द्वारा रचित गीत "प्राण मित्रो भले ही गवाना ,पर न झंडा नीचे झुकना "बुलन्द आवाज में गा रहे थे। गीत के अंत में नानक ने महात्मा गाँधी की जय का उद्घोष किया। पूरी सभा ने बुलंद आवाज में जय-कारा लगाया।
इतने में बूंदी रियासत की पुलिस के मुखिया इकराम खान ने लोगो को चारो ओर से घेर लिया। यह देख सभा में बैठे लोग उतेजित हो पुलिस और अंग्रेजी राज के खिलाफ नारे लगाने लगे। इकराम खान अंग्रेजो का पिटठू था और किसी भी प्रकार किसान आंदोलन को दबाने के आदेश उसे दे दिए गए थे। उनसे आव देखा न ताव , तुरन्त गोली चलाने का हुक्म दे दिया। पहली गोली मंच पर गीत गा रहे नानक भील के सीने पर लगी और वे मंच पर ही शहीद हो गए। इसी समय जूझा भील ने इकराम खा की कनपटी पर जोर से लाठी प्रहार किया। इकराम वही ढेर हो गया। इस सभास्थल पर भगदड़ मच गई। इस बीच कुछ लोग नानक का शव चुपचाप पास के जंगल में ले गए। और जंगल में ही नानक के शव का दाह संस्कार कर दिया उस समय भारी सख्या में लोग वह पहुचे। जिस स्थान पर नानक भील को गोली लगी थी , वहा पर उनकी स्मृति में एक छतरी बनाई गई।
देश की आजादी की लड़ाई में बूंदी के नानक भील का बलिदान नि:संदेह ऐतिहासिक है इसका अनुमान इसी से लगाया जा सकता है की इस घटना के बाद इंग्लैंड की संसद में भी 'ट्रेजडी इन बूंदी स्टेट ' पर जोरदार चर्चा हुई थी।
Subscribe to:
Posts (Atom)