Thursday, 6 August 2015

नशा INTOXICATION

   
   'नशा ' बीसवीं शताब्दी का सबसे लोकप्रिय शब्द जिसने करोड़ो व्यक्तियों को दीवाना बना रखा है ! धनी-निर्धन  बालक-वृद्ध, शिक्षित- अशिक्षित, स्त्री- पुरुष और मालिक- मजदूर सभी इसके शिकंजे में ऐसे फसे हुए है कि उनका बाहर निकलना संभव नही ! 
  
      नशे के अनेक साधन है ! जैसे शराब , गांजा , अफीम , चरस आदि ! कुछ नशे के इंजेक्शन भी प्रचलित है ! इसके अलावा स्प्रिट, अल्कोहल से तैयार कई प्रकार की विषैली मदिरा भी खूब उपयोग में लाई जाती है ! और इसको पीने से कई बार कई लोगो की एक साथ मोत हो जाती है !

     नशा बड़ा विचित्र होता है ! इसमें अपार आकर्षण होता है ! आरम्भ में व्यक्ति शोक से पीते है किन्तु धीरे-धीरे इसके आदि हो जाते है ! एक बार अगर लत लग गई तो समझो बेचारा गयासे  काम ! कुछ घर में खाने को हो या न हो, नशा अवश्य होना चाहिए ! घर में बच्चे भूखे ही क्यों न रहे , श्रीमान जी तो जरूर पियेंगे ! न जाने कितने घर इस नशे के कारण तबाह हो चुके है और कितने ही रोज घर तबाह हो रहे है किन्तु फिर भी नशेड़ी शाम आने पर अपने सारे वादे भूलकर फिर उस पाप की भटी में कूदकर अपने दिल-दिमाग़ को जला डालते है ! जेब में पैसे होने पर नशेबाज बादशाह होता है और जेब खली होने पर यही बादशाह भिखारी ,चोर ,डाकू ,जेबकतरा यहाँ तक की कभी - कभी खुनी तक बन जाता है ! कई लोग अपने नशे की आदत के कारण अपनी बीवी और बेटी की इज्जत को बेच डालते है ऐसे लोगो के साथ क्या किया जाये ? मेरे देश का भविष्य इस नशे के कारण केसा होगा?

    वैसे तो सारे नशे एक से बढ़कर एक है जो इंशान को हैवान ही नही बल्कि शैतान बना देती है , परन्तु इन सब में शराब अव्वल है ! क्योकि यह एक ऐसा नशा है जिसकी मात्रा दिन-प्रतिदिन बढ़ती जाती है और धीरे -धीरे इन्शान का पूरा विनाश हो जाता है !

    आज के युग में नशे की गोलियों का प्रचलन बड़ी तीव्र गति से बढ़ रहा है ! कितने ही युवा इसकी चपेट में आ चुके है ! वाह रे नशे तूने मेरे भारत के नागरिको का सर्वनाश कर डाला है ! 
     
        संभलो  मेरे देशवाशियो ! छोड़ो इस राक्षश नशे की मित्रता ! रक्षा करो इस बहुमूल्य जीवन की जो कि तुम्हे परमात्मा ने दिया है ! कल के भारत की कल्पना करो हे मेरे देश के युवाओ तुम में दुनिया बदलने की ताकत है तुम इस ताकत को नशे में मत गवाओ ! आगे बढ़ो और इस देश को नशे से मुक्ति दिलाओ ! इसमें ही हम सब का कल्याण है !

धन्यवाद 










सच्चा तपस्वी

        एक साधु थे ! तप करते- करते बाल भी सफेद हो चुके थे ! एक दिन वे एक पेड़ के निचे बैठे अपने शिष्यों को उपदेश दे रहे थे , " मनुष्य में अहंकार अर्थात घमंड नही होना चाहिए ! उसका सच्चा रूप तो विनम्रता है !" कुछ देर बाद एक शिष्य ने पूछा , "गुरूजी , कहते है - ज्ञान की कोई सीमा नही है ! आप से ज्ञान प्राप्त करने के बाद हमे ऐसे कौन से तपस्वी के पास जाना चाहिए जो आपसे अधिक ज्ञानी हो !
    
         साधु को शिष्य की यह वाणी कड़वी लगी , बोले " मैने जीवन भर तप किया है ! मेरे सूखे और सफेद बालो से तुम इसका अनुमान लगा सकते हो ! फिर भला मुझसे बढ़कर तपस्वी और ज्ञानी और कौन हो सकता है ?

          जिस वृक्ष के नीचे यह साधु उपदेश दे रहे थे , उस पर तोता-मैना भी बैठे साधु की यह बात सुन रहे थे ! बोले - "यह कैसा साधु है ? अभी कह रहा थे की घमंड कभी नही करना चाहिए जबकि स्वयं की तपस्या पर इतना घमण्ड है ! शायद इसे पता नही कि विनम्रता क्या होती है ? अगर यह पुष्कर साधु के पास जाए तो पता चल जाए कि कौन सच्चा और बड़ा तपस्वी है ?"

           यह साधु पक्षियों को बोली समझते थे ! सुनते ही क्रोध में पुष्कर के साधु से मिलने चल पड़े जब यह साधु पुष्कर के उस आश्रम में पहुंचे तो देखा की वह साधु एक चबूतरे पर बैठे शिष्यों को उपदेश दे रहे है  ! साधु निकट पहुंचकर क्रोध से बोले , तुम मुर्ख हो , धूर्त और पाखण्डी हो ! एक अनजान साधु के मुख से ये शब्द सुनकर शिष्य तो क्रोधित हो गए परन्तु शिष्य कुछ कहते , इससे से पूर्व ही साधु चबूतरे से नीचे आकर बोले, महात्मन !सचमुच ज्ञानी तो आप है आपने मुझे नया ज्ञान दिया है ! मेरे आसन पर तो आपको बैठना चाहिए ! मेरा स्थान तो नीचे है ! पुष्कर के साधु की विनम्रता को देखकर वह साधु पानी - पानी हो गए और बोले , जो क्रोध में भी ज्ञान का दीप जला ले , उससे महान भला और कौन हो सकता है ? सच्चे तपस्वी तो आप है ! 

खुद में बदलाव लाने का तरीका

दोस्तों आप ने अपनी लाइफ में यह बात कई बार सुनी होगी की पहले खुद सुधर जा फिर दुसरो को सुधारना ! परन्तु आप को यह जानकर ख़ुशी होगी की जब अपन  किसी भी व्यक्ति को कुछ उपदेश देते है या उसे कुछ अच्छी सलाह देते है या फिर उसे गलत रास्ते पर चलने से मना करते है और उसे कहते है की मेरे भाई ऐसा मत कर , ऐसा कर, यह सही है , वो गलत है !बहुत कुछ, हर इन्शान अपनी लाइफ में हर दिन किसी न किसी को उपदेश देता रहता है ! परन्तु अगर किसी अन्य व्यक्ति को अपने में कुछ कमी मिल जाये तो वह सीधा यही कहेगा की पहले खुद तो सुधर जा !
    
         दोस्तों जब कोई व्यक्ति किसी अन्य व्यक्ति को कुछ उपदेश देता है और भले ही वह खुद उनका पालन नही करता है तो उसे टोको  मत क्योकि वह व्यक्ति जब किसी को उपदेश दे रहा होता है  तो वह सामने वाले व्यक्ति को समझाने को पूरा प्रयास करता है ऐसा करने से एक बहुत बड़ा फायेदा उपदेश देने वाले को मिलता है  वह यह की सामने वाले व्यक्ति उस उपदेश को सुनकर भले ही थोड़ी देर में भूल जाये परन्तु जो उपदेस दे रहा होता है वह व्यक्ति उन बातो को कभी नही भूलता और वह अपने जीवन में उन उपदेशो पर अमल करता है !

     इस बात को हम एक लाइफ के वास्तविक अनुभव से समझ सकते है !  मेरी रिश्तेदारी में दो व्यक्ति थे एक का नाम था अजय और दूसरे का नाम थे विजय ! दोनों की उम्र लगभग 40 वर्ष थी !  दोनों शराब बहुत पीते थे ! दोनों के परिवार इस बात से बहुत दुखी थे ! पहले तो दोनों रोज रात को शराब पीते थे परन्तु कुछ दिनों से विजय दिन को भी शराब पिने लगा और इस बात से विजय का परिवार  बहुत दुखी था ! अजय और विजय दोनों एक दूसरे के रिश्तेदार थे इसलिए एक दूसरे की इज्जत करते थे ! 

     एक दिन विजय का परिवार अजय के पास गया और अजय को कहा की आप के मित्र विजय सुबह से रात हर समय शराब पीते रहते है और इस बात से हम सब बहुत परेशान है कृपया करके आप विजय को समझाए की वो शराब न पिये परन्तु अजय तो खुद शराब पिता था फिर भी उसने विजय को उसके घर जाकर समझाया खूब समझाया की शराब पीना गलत है अपने परिवार को परेशान मत कर ! अजय के समझाने से विजय तो थोड़ा बहुत समझ पाया ! परन्तु ऐसा करने के बाद अजय की लाइफ में परिवर्तन आने लग गया उसने शराब पीना पहले तो कम कर दिया और फिर बंद कर दिया !

     इसलिए दोस्तों जब अपन किसी व्यक्ति को अच्छी शिक्षा देते है तो सामने वाला समझें या न समझे अपन खुद समझ जाते है और अपने में सुधार होना शुरू हो जाता है ! इसलिए दोस्तों जब किसी को अच्छी शिक्षा देनी हो तो दीजिये क्योकि सामने वाला समझे या न समझें खुद को अक्ल जरूर आ जाती है !

Thanks 













Wednesday, 5 August 2015

How To Remove Negative Thought From Your Mind ( अपने दिमाग से नकारात्मक विचार कैसे हटाये)


                    दोस्तों अगर आप को आप के दिमाग से नकारात्मक विचार (Negative Thought ) हटाने है तो आप एक काम कीजिये आप नकारात्मक विचार को अपने दिमाग से हटाने की कोशिश मत कीजिये बिलकुल भी नही क्योकि आप जितना नकारात्मक विचारो को अपने दिमाग से दूर करने की कोशिश करेंगे नकारत्मक विचार उतने ही ज्यादा आप के दिमाग में आयेगे ! इसलिए सबसे पहले तो नकारात्मक विचारो को अपने दिमाग से हटाने की कोशिश बंद कर दीजिये ! अब आप सोच रहे होंगे तो करना क्या है ?  आप को सिर्फ यह करना है  की नकारात्मक विचारो को दिमाग से दूर करने की कोशिशि करने की जगह सिर्फ सकारात्मक विचारो को अपने दिमाग में लेकर आना है और आप उस काम में मन लगाये जिस काम को आप बिना रुके, थके 12 घंटे तक लगातार कॉन्सेंट्रशन के साथ कर सकते हो !
                   ऐसा करते ही आपके नकारात्मक विचार अपने आप गायब हो जायेंगे ! अगर आप हर हाल में खुश रहे , मस्त रहे तो फिर नकारात्मक विचार आने का प्रश्न ही नही उठता इसलिए वह काम करने जो आप दिल से मन लगाकर कई घंटो तक लगातार कर सकते है ! मेरा कहने का मतलब है अपने आप को अपने मनपसंदीदा काम में व्यस्त रखिये !

Thanks       

Concentration Power (एकाग्रता) Motivational

Concentration Power (एकाग्रता ) अपनी लाइफ में होनी बहुत जरूरी है ! जिसकी लाइफ में एकाग्रता नही होती वो अपनी पूरी लाइफ में कोई काम कभी सही और श्रेष्ठ तरीके से न तो कर पाया होगा और न कर पायेगा! इसलिए दोस्तों आप अपनी लाइफ में कोई भी काम करे उसे एकाग्रता के साथ करे आप तभी उसे सफल हो पाओगे !
        
        मै आप को एक Example से समझाता हुँ एक बार एक स्कूल में दो लड़के पढ़ते थे एक ही क्लास में ! दोनों लड़के मेहनती थे दोनों बराबर पढ़ाई करते थे जितने घंटे दिन में पहला पढ़ाई करता थे उतने घंटे दूसरा लड़का भी पढाई करता था और दोनों ने साथ में ही Exam दिए परन्तु जब रिजल्ट आया तब पहला लड़का तो पूरी Class में First आया और दूसरा बहुत कम नंबर्स लाकर पास हुआ ! 
    
          ऐसा क्यों हूआ ? ऐसा इसलिए हुआ क्यों की जब दोनों लड़के पढ़ाई करते थे न तब पहला लड़के का Concentration पूरा उसकी पढाई पर रहता था और दूसरा लड़का पढाई तो करता था पर उसका Concentration पूरी तरह से उसकी पढ़ाई में नही रहता था  वह किताबे सामने रखकर पढ़ाई करता था तब उसके दिमाग में ओर भी कई विचार चलते रहते थे जिसकी वजह से वह पूरी तरह से समझ नही पाता था और उसके नंबर्स पहले लड़के से बहुत काम आये ! मेहनत तो दोनों ने की पर दोनों का रिजल्ट अलग-अलग था क्योंकि एक पूरी कंसंट्रेशन के साथ पढ़ाई करता था और दूसरे का कंसंट्रेशन उसकी पढ़ाई में नही होता था ! इसलिए दोस्तों जब भी कुछ काम करे तो उस काम के अलावा कुछ भी विचार अपने दिमाग में न लाये !

          यही चीज हम सब पर भी लागु होती है आप ने कई लोग देखे होंगे जो बहुत आगे निकल जाते है और कुछ बहुत पीछे रह जाते है लाइफ के किसी भी हिस्से में ! यह अंतर कंसेंट्रेशन की वजह से होता है ! इसलिए दोस्तों कुछ भी काम करो जो भी आपका लक्ष्य है जो भी आप की मंजिल है उसे पाने के लिए जब काम करे मेहनत करे तो Full Concentration के साथ करे ! अगर आप ने ऐसा किया न तो आप अपने आप को कुछ समय बाद सबसे आगे खड़ा पाओगे !

Thanks  

Tuesday, 4 August 2015

हार कब होती है ?

"हार तब नही होती जब आप गिर जाते है  हर तब होती है जब आप गिरकर वापस खड़े नही होते !"

इसलिए दोस्तों आप अपनी लाइफ में कभी हारिये मत हमेशा खड़े हो जाइये एक दिन हार खुद ही हार जाएगी  और आप जीत जाओगे और अपनी मंजिल , अपने लक्ष्य को हासिल कर लोगे !

Thanks 

"जब तक जीना , तब तक सीखना ...."  अनुभव ही जगत में सर्वश्रेष्ठ शिक्षक है !
                                                                               स्वामी विवेकानन्द