Saturday 2 July 2016

विटामिन 'ए'

विटामिन 'ए' निम्न से प्राप्त किया जा सकता है 

1 अंडे की जर्दी से 
2 गाजर से 
3 हरि पत्तियों वाली सब्जियों से 
4 फलों (केला, आम , पपीता ,संतरे )
5 तेल और दूध से बने पदार्थ से (पनीर , घी , माखन से  )

विटामिन ए  से निम्न फायदे होते है 

  १ संक्रमणों से शरीर की रक्षा करता है। 
  २ आँखों की रेटिना की मरमत करने के लिए जरुरी 

विटामिन 'ए' की कमी से होने वाले रोग 

  1 रतोंधी (night blindness )
  2 शरीर की वृद्धि होना बंद हो जाता है 
  3 रोग प्रतिरोधक क्षमता का काम हो जाना 
  4 बालों का रुखा होना
  5 थकान होना आदि 

विटामिन 'ए' की अधिकता से होने वाले रोग


  1 उलटी , सिरदर्द , भूख न लगना 
  2 चिड़चिड़ापन 
  3 त्वचा का उतरना 
  4 हड्डियों में सूजन 
  5  बलों का झड़ना  














 

विटामिन्स

   विटामिन्स समान्य स्वास्थ्य के लिए जरूरी रासायनिक योगिक होते है। इनसे स्वय ऊर्जा उपलब्ध नहीं होती और न ही शरीर का निर्माण करते है लेकिन ये शरीर को स्वस्थ और निरोग बनाए रखने में काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है। शरीर में अगर विटामिन्स का अभाव हो जाये तो कई प्रकार के रोग पैदा हो सकते है।

विटामिन्स के प्रकार 

   विटामिन्स 6 प्रकार के होते है :-


1 विटामिन्स 'ए'
2 विटामिन 'बी काम्प्लेक्स '
3 विटामिन 'सी '
4 विटामिन 'डी '
5 विटामिन 'इ '
6 विटामिन 'के'



WHAT IS SEX LIMIT in Hindi सेक्स लिमिट

एक कार्यक्रम में सद्गुरु से एक व्यक्ति ने प्रश्न किया 
प्रश्न:- गुरूजी सेक्स हमारे समाज में इतना निंदनीय क्यों माना जाता है ?

गुरु जी ने उतर दिया :- सेक्स किसी प्रकार से निंदनीय नहीं यह तो जीवन का हिस्सा है परन्तु इसको एक सीमा में बाँधने के लिए अलग अलग उपाय खोजे गए। प्रत्येक कार्य एक सीमा (limit) में होना चाहिए अति हर कार्य की बुरी होती है उसी प्रकार सेक्स की भी एक सीमा बांधना जरूरी था क्योकि सेक्स करने की इच्छा अत्यधिक प्रबल होती है।  अगर समाज सेक्स को निंदनीय नहीं मानता तो समाज का , मानव जाती का ,तकनीकी का , विज्ञान आदि का विकास असम्भव होता। क्योकि मानव भोग विलास की सीमाएं पार कर जाता और अपने अंदर उत्पन होने वाली सर्व शक्तिशाली ऊर्जा को व्यर्थ में बहाता रहता और मानव जाती पशुओं और जानवरों की तरह होती। इसलिए समाज ने सेक्स को निंदनीय कार्य माना है ताकि मानव विकास की और अग्रसर हो तथा अपनी शक्ति का दुरूपयोग न करें ,मानव हर समय भोग विलाश में न डूबा रहे। इंसान अपनी मर्यादा में रहे और सेक्स को एक समय के बाद समाज की स्वीकृति से मर्यादा में रहकर लिमिट में करें ताकि उस व्यक्ति के स्वय के विकास के साथ साथ समाज का भी विकास हो सके।

Friday 1 July 2016

अगर आपके घर में ऐसी वस्तु पड़ी है जो बुरी है 
फिर भी आपने उसे अपने घर में रखा है तो वह 
वस्तु अपना असर जरूर दिखाएगी।
किसी से छीनकर लाई गई वस्तु आपके जीवन में विष घोल देगी।

किसी को सुधारने का प्रयत्न करने से कुछ हासिल नहीं होगा आप खुद सुधर जाये दुनिया अपने आप सुधर जाएगी अपने आप से शुरआत करें।

मुर्ख - महामुर्ख

अनपढ़ अंधविश्वासी हो तो वह मुर्ख कहलाता है।
ज्ञानी अंधविश्वासी हो तो वह महामुर्ख कहलाता है। 

किसी भी चीज की अति ठीक नहीं होती

दो सहेलिया आपस में बात कर रही थी। एक ने कहा , मेरे पति दिनभर बक बक करते रहते है।  मेरे तो सिर में दर्द हो जाता है। दूसरी सहेली बोली मेरे पति तो हमेशा चुप रहते है , जैसे न बोलने की कसम खा रखी हो। उन दोनों ने एक दूसरे का दर्द सुनने के बाद तय किया की  समस्या को किसी महात्मा को बताएगी। हो सकता हो की कोई रास्ता निकल जाये।  वे एक महात्मा के पास गई और महात्मा को पूरी बात सुनाई। महात्मा ने दोनों को अपने पतियों को साथ लाने को कहा।  अगले दिन दोनों सहेलिया अपने पतियों के साथ महात्मा के पास आई। महात्मा ने कम बोलने वाले पति को अधिक बोलने की तथा अधिक बोलने वाले पति को कम बोलने की प्रतिज्ञा दिलवाई। दोनों ने महात्मा जी की बात मान ली.
                                                                   इस तरह  कम बोलने वाला पति ज्यादा बोलने लगा तथा ज्यादा बोलने वाला पति चुप रहने लगा।  लेकिन इससे भी उन सहेलियों की समस्या खत्म नहीं हुई। और एक बार फिर दोनों अपने पतियों को लेकर महात्मा के पास पहुंची।  पहली सहेली ने कहा की पहले ठीक था अब तो लगता है जैसे घर में अकेली में ही रहती हु मेरे पति तो चुप बैठे रहते है। दूसरी सहेली ने कहा पहले ठीक था कम  बोलते थे अब तो मेरे पति दिनभर बक बक करके मेरा दिमाग खराब कर देते है। यह सुनकर महात्मा ने सहेलियों और उनके पतियों को समझाया, देखो किसी भी चीज की अति ठीक नहीं होती है न ज्यादा बोलना अच्छा है और न ज्यादा चुप रहना अच्छा है। जीवन में समय और आवश्यकता के हिसाब से बोलना चाहिए और उसी के हिसाब से चुप रहना चाहिए। सहेलियों के पति इस बात को समझ गए। दोस्तों इसी प्रकार से हमे भी अपने जीवन में किसी भी चीज की अति नहीं करनी चाहिए अर्थात हमे अपने जीवन में चीजों के बीच संतुलन बनाकर रखना चाहिए। 

जामुन खाने से होने वाले फायदे

जामुन

                    जामुन के फल ,बिज और छाल का खास महत्व है। जामुन पेट से जुडी समस्याओं से राहत के लिए रामबाण माना जाता है 

1 जामुन से दस्त , कब्ज ,मधुमेह और पथरी की समस्या में जामुन काफी फायदा पहुंचाता है। 
2. इसमें कैंसररोधी गुण पाए जाते है अर्थात कैंसर को दूर करता है। 
3. जामुन खाने से चेहरे से दाग-धब्बे साफ हो जाते है। 

100 ग्राम जामुन में निम्न मात्रा में आवशयक तत्व पाए जाते है :-
ऊर्जा = 6 कैलोरी 
कार्बोहाइड्रेट =14 ग्राम 
कैल्शियम = 15 मिग्रा 
आयरन = 2 मिग्रा 
सोडियम = 26 मिग्रा 
मैग्नीशियम = 35 मिग्रा 
विटामिन - सी और विटामिन बी 
ध्यान रखने योग्य बाते 
1 जामुन कभी भी भूखे पेट न खाये।
2 जामुन हमेशा खाना खाने के 30 मिनट बाद खाये।