मानव मशीन
यह कितना अजीब है परन्तु सच है की मानव खुद एक मशीन है और यह मशीन गजब की मशीन है। और यह मशीन ऑटोमेटिक चलती है , जी हा। मानव के खुद के हाथ में क्या है वह खुद इस बॉडी पर कितना नियंत्रण कर सकता है श्वास लेना और श्वास छोड़ना भी उसके हाथ में नहीं है यह स्वतः होता है खाना खाते हम अपने अनुसार है परन्तु उसके बाद वह खाना कैसे पचता है कैसे उस भोजन से खून बनता है कैसे खून ह्रदय के माध्यम से बॉडी के प्रत्येक नाड़ी तक पहुंचता है यह सब कुछ स्वतः होता है। अच्छा है कि यह सब कुछ मानव के नियंत्रण में नहीं है वरना मानव अपने शरीर को तहस नहस करें देता।