जैसे धुप में बैठने से सूरज की किरणे हमारे शरीर में आ जाती है उसी प्रकार से ज्ञानी पुरुष सिद्ध पुरुष के पास बैठने से उनके आत्म ज्ञान उनकी भावनाए , उनकी शक्तियों का प्रकाश हमारे शरीर में सूक्ष्म रूप से प्रवेश करता है ऐसे ज्ञानी पुरुष बिना कुछ कहें ही बहुत कुछ दे देते है !
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