Sunday, 28 August 2016
Friday, 26 August 2016
2016 Ganesh chatuthi date and puja time in hindi
गणेश चतुर्थी का समय और तारिक
1. गणेश चतुर्थी
5 सिंतबर 2016 सोमवार
2. गणेश चतुर्थी पूजा टाइम
मध्याह्न गणेश पूजा समय 11.23 से 13.50 तक (अवधि 2 घण्टे 27 मिनट )
4 को चाँद देखने से बचने का समय 18.54 से 20.51 तक
अवधि 1 घण्टा 57 मिनट
5 को चाँद देखने से बचने का समय 09.29 से 21.29
समय अवधि 12 घण्टे
चतुर्थी तिथि प्रारम्भ समय 18.54 तारिक 4 सितम्बर 2016
चतुर्थी तिथि समाप्त समय 21.09 तारिक 5 सितम्बर 2016
1. गणेश चतुर्थी
5 सिंतबर 2016 सोमवार
2. गणेश चतुर्थी पूजा टाइम
मध्याह्न गणेश पूजा समय 11.23 से 13.50 तक (अवधि 2 घण्टे 27 मिनट )
4 को चाँद देखने से बचने का समय 18.54 से 20.51 तक
अवधि 1 घण्टा 57 मिनट
5 को चाँद देखने से बचने का समय 09.29 से 21.29
समय अवधि 12 घण्टे
चतुर्थी तिथि प्रारम्भ समय 18.54 तारिक 4 सितम्बर 2016
चतुर्थी तिथि समाप्त समय 21.09 तारिक 5 सितम्बर 2016
Thursday, 25 August 2016
Saturday, 20 August 2016
फर्क सिर्फ सोच का होता है(Sweat Short Story)
एक छोटा सा बच्चा अपने दोनों हाथो में एक एक सेब लेकर खड़ा था
उसके पापा ने मुस्कराते हुए कहा कि बेटा एक सब मुझे दे दो
इतना सुनते ही उस बच्चे ने एक सेब को दांतो से कुतर लिया
उसके पाप कुछ बोल पाते उसके पहले ही उसने अपने दूसरे सेब को भी दांतो से कुतर लिया।
अपने छोटे से बेटे की इस हरकत को देखकर बाप ठगा सा रह गया और उसके चेहरे पर मुस्कान गायब हो गई थी।
तभी उसके बेटे ने अपने नन्हे हाथ आगे की ओर बढ़ाते हुए पापा को कहा
पाप ये लो ये वाला ज्यादा मीठा है. शायद हम कभी कभी पूरी बाते जाने बिना निष्कर्ष पर पहुँच जाते है।
किसी ने क्या खूब लिखा है
नजर का आपरेशन तो सम्भव है
पर नजरिये का नही.... ?
फर्क सिर्फ सोच का होता है.....
वरना, वही सीढ़िया ऊपर भी जाती है और नीचे भी आती है।
उसके पापा ने मुस्कराते हुए कहा कि बेटा एक सब मुझे दे दो
इतना सुनते ही उस बच्चे ने एक सेब को दांतो से कुतर लिया
उसके पाप कुछ बोल पाते उसके पहले ही उसने अपने दूसरे सेब को भी दांतो से कुतर लिया।
अपने छोटे से बेटे की इस हरकत को देखकर बाप ठगा सा रह गया और उसके चेहरे पर मुस्कान गायब हो गई थी।
तभी उसके बेटे ने अपने नन्हे हाथ आगे की ओर बढ़ाते हुए पापा को कहा
पाप ये लो ये वाला ज्यादा मीठा है. शायद हम कभी कभी पूरी बाते जाने बिना निष्कर्ष पर पहुँच जाते है।
किसी ने क्या खूब लिखा है
नजर का आपरेशन तो सम्भव है
पर नजरिये का नही.... ?
फर्क सिर्फ सोच का होता है.....
वरना, वही सीढ़िया ऊपर भी जाती है और नीचे भी आती है।
Thursday, 18 August 2016
परमात्मा वही है जहा तुम हो
परमात्मा वही है जहा तुम हो। हम परमात्मा के सागर की मछलिया है। मछली , सागर को खोजने निकलेगी तो बड़ी मुश्किल में पड़ जाएगी। कैसे खोज पायेगी ? खोजना नही है परमात्मा को जीना है। परमात्मा को पियो। परमात्मा को ही नाचो। परमात्मा में ही तुम हो। तुम्हारी श्वास श्वास में रमा है कहा नही है ? ऐसा कोई स्थान खोज सकते हो जहा परमात्मा नही हो ? सर्व्यापक का नाम ही परमात्मा है। दोहराते हो तोते की तरह की परमात्मा सर्वव्यापक है और पूछते हो परमात्मा कहा है ?
आचार्य रजनीश
Tuesday, 16 August 2016
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