Thursday, 2 July 2015

ईश्वर

                        




  भगवान महावीर से पूछा गया कि ईश्वर क्या है ?
  उन्होंने कहा कि उसे बताने के लिए शब्द नही है !सारे शब्द वहा से टकराकर लौट आते है ! तर्क वहां ठहरता नहीं, बुद्धि उसे ग्रहण नही कर पाती ! वह न गंध है , न रूप , न रस, न शब्द और न स्पर्श ! ग्रंथो की भाषा में वह नेति-नेति यानि ऐसा , वैसा भी नही !कैसा है, उसे बताया नहीं  जा सकता ! आत्मा-परमात्मा को शब्दों के माध्यम से बताने के प्रयास होते रहे है !

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