Wednesday 29 July 2015

एक अटूट सत्य

             आप इस समय जो सोच रहे है , उससे आप अपने भावी जीवन की रचना कर रहे है ! आप अपने विचारो से अपने जीवन का निर्माण कर रहे है ! चूँकि आप हमेशा सोच रहे है , इसलिए आप हमेशा निर्माण कर रहे है ! आप जिसके बारे में सबसे ज्यादा सोचते है या जिस पर सबसे ज्यादा ध्यान केंद्रित करते है , वही आपके जीवन में प्रकट होगा !
प्रकृति के सभी नियमो की तरह ही यह नियम भी बिलकुल सटीक है ! आप अपने जीवन की रचना करते है ! आप जो बोयेंगे , वही काटेंगे ! आपके विचार बीज  है और आप जो फसल काटेंगे , वह आपके बोये बीजो पर निर्भर करेगी !

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