Tuesday, 23 February 2021
Sunday, 23 April 2017
Worlds smallest countries in Hindi
दुनिया के सबसे छोटे देश
1. वैटिकन सिटी(Vatican City)
क्षेत्रफल - 0.44 वर्ग किलोमीटर
जनसँख्या - लगभग 1000
कुछ शानदार इमारते
2. मोनाको (Monaco)
क्षेत्रफल - 2.02 वर्ग किलोमीटर
जनसँख्या - लगभग 38000
समुन्द किनारे बसा शानदार देश
3. नॉरू (Nauru)
क्षेत्रफल - 21.3 वर्ग किलोमीटर
जनसँख्या - लगभग 10000
इस देश की अपनी कोई सेना नही
4. तुवालु (Tuvalu)
क्षेत्रफल - 26 वर्ग किलोमीटर
जनसँख्या - लगभग 10000
यह देश चार आइलैंड से मिलकर बना है
5. सेन मैरिनो (San Marino)
क्षेत्रफल - 61 वर्ग किलोमीटर
जनसँख्या - लगभग 32200
यूरोप का सबसे पुराण गणराज
6. लिक्टनस्टीन (Liechtenstein)
क्षेत्रफल - 160.4 वर्ग किलोमीटर
जनसँख्या - लगभग 37800
इसकी राजथानी वादुज है
7. मार्शल आइलैंड (Marshall Islands)
क्षेत्रफल - 181 वर्ग किलोमीटर
जनसँख्या - लगभग 54600
1156 द्वीपों में बटा हुआ है
8. सेंट किट्स एंड नेविस (Sain kitts and Nevis)
क्षेत्रफल - 261 वर्ग किलोमीटर
जनसँख्या - लगभग 56000
उतरी अमेरिका का सबसे छोटा देश
9. मालदीव (Maldives)
क्षेत्रफल - 298 वर्ग किलोमीटर
जनसँख्या - लगभग 371300
पर्यटको की पसंदीदा जगह
10. माल्टा(Malta)
क्षेत्रफल - 316 वर्ग किलोमीटर
जनसँख्या - लगभग 420400
एक विकसित देश
1. वैटिकन सिटी(Vatican City)
क्षेत्रफल - 0.44 वर्ग किलोमीटर
जनसँख्या - लगभग 1000
कुछ शानदार इमारते
2. मोनाको (Monaco)
क्षेत्रफल - 2.02 वर्ग किलोमीटर
जनसँख्या - लगभग 38000
समुन्द किनारे बसा शानदार देश
3. नॉरू (Nauru)
क्षेत्रफल - 21.3 वर्ग किलोमीटर
जनसँख्या - लगभग 10000
इस देश की अपनी कोई सेना नही
4. तुवालु (Tuvalu)
क्षेत्रफल - 26 वर्ग किलोमीटर
जनसँख्या - लगभग 10000
यह देश चार आइलैंड से मिलकर बना है
5. सेन मैरिनो (San Marino)
क्षेत्रफल - 61 वर्ग किलोमीटर
जनसँख्या - लगभग 32200
यूरोप का सबसे पुराण गणराज
6. लिक्टनस्टीन (Liechtenstein)
क्षेत्रफल - 160.4 वर्ग किलोमीटर
जनसँख्या - लगभग 37800
इसकी राजथानी वादुज है
7. मार्शल आइलैंड (Marshall Islands)
क्षेत्रफल - 181 वर्ग किलोमीटर
जनसँख्या - लगभग 54600
1156 द्वीपों में बटा हुआ है
8. सेंट किट्स एंड नेविस (Sain kitts and Nevis)
क्षेत्रफल - 261 वर्ग किलोमीटर
जनसँख्या - लगभग 56000
उतरी अमेरिका का सबसे छोटा देश
9. मालदीव (Maldives)
क्षेत्रफल - 298 वर्ग किलोमीटर
जनसँख्या - लगभग 371300
पर्यटको की पसंदीदा जगह
10. माल्टा(Malta)
क्षेत्रफल - 316 वर्ग किलोमीटर
जनसँख्या - लगभग 420400
एक विकसित देश
Monday, 16 January 2017
China Great Wall In Hindi//चीन की विशाल दीवार का इतिहास और किस्से
चीन की विशाल दीवार
चीन की विशाल दीवार मिट्टी और पत्थर से बनी एक किलेनुमा दीवार है जिसे चीन के विभिन्न शाशको द्वारा उत्तरी हमलारो से रक्षा के लिए पांचवी शताबदी ईसा पूर्व से लेकर सोलहवी शताब्दी तक बनवाया गया इसकी विशालता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है की इस मानव निर्मित ढांचे को अंतरिक्ष से भी देखा जा सकता है इस दीवार के हिस्सो /शाखाओ को आपस में जोड़ दिया जाये तो यह अंदाजा लगाया गया है की इस महान विशाल दीवार के निर्मांण कार्य में 20 से 30 लाख लोगो ने अपना जीवन लगा दिया था और इस दीवार पर मिग वंस की सुरक्षा हेतु 10 लाख से अधिक लोग नियुक्त रहते थे। इस विशाल दीवार की ऊँचाई हर जगह एक जैसी नही है इसकी सबसे ज्यादा ऊंचाई 35 फुट जबकि कुछ जगह तो 8 से 9 फुट ही ऊँचाई है। इस दीवार को चीन के लोग "वान ली छांग छंग " कहते है जिसका अर्थ होता है "चीन की विशाल दीवार "
चीन की महान दीवार हमेशा अजेय नही रह सकी सन 1211 ईस्वी में चंगेज खान ने इस दीवार पर हमला किया था और इसे तोड़ कर चीन में दाखिल हुआ था। चीन की महान दीवार को बनाते समय जो मजदुर काम करते करते कमजोर पड़ जाते थे और उनकी मोत हो जाती थी उन्हें उसी जगह पर दफना दिया जाता था और माना जाता है की इस दीवार को बनाने में लगभग 3000 मजदूरो की जान गई और कैयो ने अपनी पूरी जिंदगी इस दीवार को बंनाने में लगा दी। इसलिये इस दीवार को लम्बे कब्रिस्तान भी कहा जाता है
चीन में राज्य की रक्षा करने के लिए दीवार बनाने की शुरुआत आठवी शताब्दी ईसापूर्व में हुई उस समय कुई , यान और जाहो राज्यो ने तीर और तलवारो से होने वालो आक्रमणों से बचने के लिए मिट्टी और कंकड़ की सहायता से ईंटे बनाई और फिर इन ईटो से दीवार का निर्माण कार्य शुरू किया गया आगे चलकर चिन कीन
साम्रज्य के अंतर्गत आ गया और किन साम्रज्य ने सभी छोटे राज्यो को एक एक करके एक अंखड चीन की रचना की और विभिन्न राज्यो द्वारा बनाई गई दीवारों को एक करके विशाल चीन की दीवार का निर्माण किया गया। आज यह दीवार विश्व में चीन का नाम ऊँचा करती है और यूनेस्को द्वारा 1987 में इसे विश्व धरोहर घोषित किया गया। इतना ही नही चीन की इस दीवार को सात अजूबो में भी गिना जाता है।
चीन की विशाल दीवार मिट्टी और पत्थर से बनी एक किलेनुमा दीवार है जिसे चीन के विभिन्न शाशको द्वारा उत्तरी हमलारो से रक्षा के लिए पांचवी शताबदी ईसा पूर्व से लेकर सोलहवी शताब्दी तक बनवाया गया इसकी विशालता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है की इस मानव निर्मित ढांचे को अंतरिक्ष से भी देखा जा सकता है इस दीवार के हिस्सो /शाखाओ को आपस में जोड़ दिया जाये तो यह अंदाजा लगाया गया है की इस महान विशाल दीवार के निर्मांण कार्य में 20 से 30 लाख लोगो ने अपना जीवन लगा दिया था और इस दीवार पर मिग वंस की सुरक्षा हेतु 10 लाख से अधिक लोग नियुक्त रहते थे। इस विशाल दीवार की ऊँचाई हर जगह एक जैसी नही है इसकी सबसे ज्यादा ऊंचाई 35 फुट जबकि कुछ जगह तो 8 से 9 फुट ही ऊँचाई है। इस दीवार को चीन के लोग "वान ली छांग छंग " कहते है जिसका अर्थ होता है "चीन की विशाल दीवार "
चीन की महान दीवार हमेशा अजेय नही रह सकी सन 1211 ईस्वी में चंगेज खान ने इस दीवार पर हमला किया था और इसे तोड़ कर चीन में दाखिल हुआ था। चीन की महान दीवार को बनाते समय जो मजदुर काम करते करते कमजोर पड़ जाते थे और उनकी मोत हो जाती थी उन्हें उसी जगह पर दफना दिया जाता था और माना जाता है की इस दीवार को बनाने में लगभग 3000 मजदूरो की जान गई और कैयो ने अपनी पूरी जिंदगी इस दीवार को बंनाने में लगा दी। इसलिये इस दीवार को लम्बे कब्रिस्तान भी कहा जाता है
चीन में राज्य की रक्षा करने के लिए दीवार बनाने की शुरुआत आठवी शताब्दी ईसापूर्व में हुई उस समय कुई , यान और जाहो राज्यो ने तीर और तलवारो से होने वालो आक्रमणों से बचने के लिए मिट्टी और कंकड़ की सहायता से ईंटे बनाई और फिर इन ईटो से दीवार का निर्माण कार्य शुरू किया गया आगे चलकर चिन कीन
साम्रज्य के अंतर्गत आ गया और किन साम्रज्य ने सभी छोटे राज्यो को एक एक करके एक अंखड चीन की रचना की और विभिन्न राज्यो द्वारा बनाई गई दीवारों को एक करके विशाल चीन की दीवार का निर्माण किया गया। आज यह दीवार विश्व में चीन का नाम ऊँचा करती है और यूनेस्को द्वारा 1987 में इसे विश्व धरोहर घोषित किया गया। इतना ही नही चीन की इस दीवार को सात अजूबो में भी गिना जाता है।
Sunday, 8 January 2017
Mysterious earth facts in Hindi /धरती के बारे में कुछ अजीबो गरीब पहलू
धरती के बारे में कुछ अजीबो गरीब पहलू
1. गोल नही है हमारी धरती यु तो धरती गोलाकार है लेकिन गुरत्वाकर्षण के कारण यह एक परफेक्ट सर्कल नही है भूमध्य रेखा के आसपास गुरुत्वाकर्षण के कारण कुछ उभर निकले हुए है धरती की ध्रुवीय तिरज्या (पोलर रेडियस ) 3949.99 मील है जबकी भूमध्य रेखा (इक्वाटोरियल रेडियस ) 3963.35 मील है इसलिए जो भी चीजे भूमध्य रेखा पर है वे धरती के केंद्र से ज्यादा दुरी पर है
2. धरती का था जुड़वाँ ग्रह -वैज्ञानिक मानते है की किसी समय हम सौर मंडल में अकेले ऐसे ग्रह नही थे जिस पर जीवन था हमारा एक जुड़वाँ ग्रह थिया था जो मंगल के आकार का था और करीब 4.533 बिलियन साल पहले थिया धरती से टकरा गया और इसका अधिकतर हिस्सा धरती में अवशोषित हो गया और सम्भव है बच्चे हिस्से से ही चन्द्रमा बना।
1. गोल नही है हमारी धरती यु तो धरती गोलाकार है लेकिन गुरत्वाकर्षण के कारण यह एक परफेक्ट सर्कल नही है भूमध्य रेखा के आसपास गुरुत्वाकर्षण के कारण कुछ उभर निकले हुए है धरती की ध्रुवीय तिरज्या (पोलर रेडियस ) 3949.99 मील है जबकी भूमध्य रेखा (इक्वाटोरियल रेडियस ) 3963.35 मील है इसलिए जो भी चीजे भूमध्य रेखा पर है वे धरती के केंद्र से ज्यादा दुरी पर है
2. धरती का था जुड़वाँ ग्रह -वैज्ञानिक मानते है की किसी समय हम सौर मंडल में अकेले ऐसे ग्रह नही थे जिस पर जीवन था हमारा एक जुड़वाँ ग्रह थिया था जो मंगल के आकार का था और करीब 4.533 बिलियन साल पहले थिया धरती से टकरा गया और इसका अधिकतर हिस्सा धरती में अवशोषित हो गया और सम्भव है बच्चे हिस्से से ही चन्द्रमा बना।
Interesting Facts About Moon in Hindi/चंद्रमा से जुड़े रोचक तथ्य
चाँद से जुड़े मजेदार तथ्य :-
चन्द्रमा पृथ्वी का एकमात्र प्राकृतिक उपग्रह है यह सौर मंडल का पांचवा सबसे बड़ा विशाल उपग्रह है पृथ्वी से चंद्रमा की दुरी 384400 किलोमीटर है चन्द्रमा पर गुरत्वाकर्षण पृथ्वी से 0.16666 है यह पृथ्वी की परिक्रमा 27.3 दिन में पूरी करता है इसलिए चंद्रमा का केवल एक हिस्सा ही पृथ्वी की ओर होता है और हम पृथ्वी से चन्दमा का केवल एक ही हिस्सा देख पाते है और पृथ्वी पर समुंद्री ज्वार भाटा चन्द्रमा की गुरुत्वाकर्षण शक्ति के कारण आते है जब चंद्रमा अपनी कक्षा में घूमता हुआ सूर्य और पृथ्वी के बीच में होकर गुजरता है और सूर्य को पूरी तरह ढक लेता है तो उसे सूर्यग्रहण कहते है।
सोवियत राष्ट्र का लूना-1 पहला अन्तरिक्ष यान था जो चंद्रमा के पास से गुजरा था लेकिन लूना -2 पहला यान था जो चन्द्रमा की जमीन पर उतरा था। सन 1968 में केवल नासा अपोलो कार्यक्रम ने उस समय मानव मिशन चन्द्रमा पर भेजने की उपलब्धि हासिल की थी सन 1961 से 1972 के बीच छह मानवयुक्त यानो ने चंद्रमा की धरती पर कदम रखा जिसमे से अपोलो -11 ने सबसे पहले कदम रखा। इस यानो ने वापसी के दौरान 680 किलो से ज्यादा चन्द्र चटाने लेकर वापस लोटे जिसका इस्तेमाल करके चन्द्रमा की उतपत्ति उसकी आंतरिक सरंचना के बारे में खोज की जा सकी। वेज्ञानिको का मानना है की आज से 450 करोड़ साल पहले थिया नामक उल्का धरती से टकरा गया और थिया का अधिकतर हिस्सा धरती में अवषोसित हो गया शेष बच्चे हिस्से से ही चन्द्रमा बना। चन्द्रमा के रोचक तथ्य इस प्रकार है :-
1. चाँद 27.3 दिनों में धरती का चक्कर पूरा करता है
2. अब तक सिर्फ 12 मनुष्य चाँद पर गए है पिछले 41 वर्षो से चाँद पर कोई आदमी नही गया
3. नील आर्मस्ट्रांग ने चाँद पर जब अपना पहला कदम रखा तो उससे जो निशान चाँद की जमीन पर बना वह अब तक है और अगले लाखो सालो तक रहेगा क्योकि चाँद पर हवा तो है ही नही जो इसे मिटा दे।
4. चाँद धरती के आकार के सिर्फ 27%हिस्से के बराबर है
5. चाँद है साल धरती से 4 सेंटीमीटर दूर खिसक रहा है अब से 50 अर्ब साल बाद चाँद धरती का एक चक्कर 47 दिन में पूरा करेगा जो अभी 27 दिनों में करता है
6. चाँद पर पानी भारत की खोज है भारत से पहले कई वैज्ञानिको का मानना था की चाँद पर पानी होगा परन्तु किसी ने खोजा नही
7. अगर चाँद गायब हो जाये तो धरती पर दिन मात्र 6 घण्टे का रह जायेगा
8. चाँद का सिर्फ 59% हिस्सा ही धरती से दिखता है।
चन्द्रमा पृथ्वी का एकमात्र प्राकृतिक उपग्रह है यह सौर मंडल का पांचवा सबसे बड़ा विशाल उपग्रह है पृथ्वी से चंद्रमा की दुरी 384400 किलोमीटर है चन्द्रमा पर गुरत्वाकर्षण पृथ्वी से 0.16666 है यह पृथ्वी की परिक्रमा 27.3 दिन में पूरी करता है इसलिए चंद्रमा का केवल एक हिस्सा ही पृथ्वी की ओर होता है और हम पृथ्वी से चन्दमा का केवल एक ही हिस्सा देख पाते है और पृथ्वी पर समुंद्री ज्वार भाटा चन्द्रमा की गुरुत्वाकर्षण शक्ति के कारण आते है जब चंद्रमा अपनी कक्षा में घूमता हुआ सूर्य और पृथ्वी के बीच में होकर गुजरता है और सूर्य को पूरी तरह ढक लेता है तो उसे सूर्यग्रहण कहते है।
सोवियत राष्ट्र का लूना-1 पहला अन्तरिक्ष यान था जो चंद्रमा के पास से गुजरा था लेकिन लूना -2 पहला यान था जो चन्द्रमा की जमीन पर उतरा था। सन 1968 में केवल नासा अपोलो कार्यक्रम ने उस समय मानव मिशन चन्द्रमा पर भेजने की उपलब्धि हासिल की थी सन 1961 से 1972 के बीच छह मानवयुक्त यानो ने चंद्रमा की धरती पर कदम रखा जिसमे से अपोलो -11 ने सबसे पहले कदम रखा। इस यानो ने वापसी के दौरान 680 किलो से ज्यादा चन्द्र चटाने लेकर वापस लोटे जिसका इस्तेमाल करके चन्द्रमा की उतपत्ति उसकी आंतरिक सरंचना के बारे में खोज की जा सकी। वेज्ञानिको का मानना है की आज से 450 करोड़ साल पहले थिया नामक उल्का धरती से टकरा गया और थिया का अधिकतर हिस्सा धरती में अवषोसित हो गया शेष बच्चे हिस्से से ही चन्द्रमा बना। चन्द्रमा के रोचक तथ्य इस प्रकार है :-
1. चाँद 27.3 दिनों में धरती का चक्कर पूरा करता है
2. अब तक सिर्फ 12 मनुष्य चाँद पर गए है पिछले 41 वर्षो से चाँद पर कोई आदमी नही गया
3. नील आर्मस्ट्रांग ने चाँद पर जब अपना पहला कदम रखा तो उससे जो निशान चाँद की जमीन पर बना वह अब तक है और अगले लाखो सालो तक रहेगा क्योकि चाँद पर हवा तो है ही नही जो इसे मिटा दे।
4. चाँद धरती के आकार के सिर्फ 27%हिस्से के बराबर है
5. चाँद है साल धरती से 4 सेंटीमीटर दूर खिसक रहा है अब से 50 अर्ब साल बाद चाँद धरती का एक चक्कर 47 दिन में पूरा करेगा जो अभी 27 दिनों में करता है
6. चाँद पर पानी भारत की खोज है भारत से पहले कई वैज्ञानिको का मानना था की चाँद पर पानी होगा परन्तु किसी ने खोजा नही
7. अगर चाँद गायब हो जाये तो धरती पर दिन मात्र 6 घण्टे का रह जायेगा
8. चाँद का सिर्फ 59% हिस्सा ही धरती से दिखता है।
Saturday, 24 December 2016
समझे डॉक्टर्स की लिखावट को
अगर गोर से देखे तो आप भी डॉक्टर की भाषा यानी कि उनकी लिखी पर्ची समझ सकते है वे अक्सर पर्ची पर लिखी गई दवा के आगे , पास या ऊपर की तरह कुछ शॉटकट लिखते है जिन्हें आप समझने की कोशिश कर सकते है यदि आप को डॉक्टरो द्वारा लिखे जाने वाले कुछ शॉटकट पता हो जैसे
AC ; खाने से पहले
PC : खाने के बाद
OD : दिन में एक बार
BD/BDS : दिन में दो बार
TD/TDS : दिन में चार बार
SOS : जब जरूरत लगे
Tab : टैबलेट
Cap : कैप्सूल
Amp : इंजेक्शन
Ad Lib : जरूरत हो उतना ले
G OR Gm : ग्राम
Gtt : ड्रॉप्स
H : .... घण्टे बाद
Mg : मिलीग्राम
MI : मिलीलीटरPO : मुँह से
Friday, 23 December 2016
सरकार का अहम फैसला 500 और 1000 के नोट बंद
1. 500 व 1000 के पुराने नोट बंद इसके बदले जारी किये जायेगे नये नोट
2. इन नोटों को बैंक तथा डाकघर में बदला जा सकता है
3. बैंको में 30 दिसम्बर 2016 तक पुराने नोट जमा करवा सकते है
4. 10 नवंबर से 30 दिसंबर 2016 तक 500 और 1000 के नोट बदल सकेंगे
5. 10 नवंबर से 24 नवंबर तक 4000 रूपये तक के पुराने नोट पहचान पत्र दिखाकर बैंक और पोस्ट ऑफिस से बदल सकते है 24 नवंबर के बाद इस सीमा को बड़ा दिया जायेगा
6. पुराने नोट अस्पताल , स्टेशन , दवा- दुकान , बस एयरलाइन बुकिंग पर 11 नवंबर तक चल पाएंगे
7. 9 ओर 10 नवंबर 2016 को कई जगहों पर ATM काम नही करेगे
8. एक ATM से सिर्फ 2000 रुपये रोजाना निकाल सकेंगे इस सीमा को आगे 4000 रुपये कर दिया जायेगा
9. सरकार 500 रूपये , 2000 रूपये के नये नोट लाएगी
1. 500 व 1000 के पुराने नोट बंद इसके बदले जारी किये जायेगे नये नोट
2. इन नोटों को बैंक तथा डाकघर में बदला जा सकता है
3. बैंको में 30 दिसम्बर 2016 तक पुराने नोट जमा करवा सकते है
4. 10 नवंबर से 30 दिसंबर 2016 तक 500 और 1000 के नोट बदल सकेंगे
5. 10 नवंबर से 24 नवंबर तक 4000 रूपये तक के पुराने नोट पहचान पत्र दिखाकर बैंक और पोस्ट ऑफिस से बदल सकते है 24 नवंबर के बाद इस सीमा को बड़ा दिया जायेगा
6. पुराने नोट अस्पताल , स्टेशन , दवा- दुकान , बस एयरलाइन बुकिंग पर 11 नवंबर तक चल पाएंगे
7. 9 ओर 10 नवंबर 2016 को कई जगहों पर ATM काम नही करेगे
8. एक ATM से सिर्फ 2000 रुपये रोजाना निकाल सकेंगे इस सीमा को आगे 4000 रुपये कर दिया जायेगा
9. सरकार 500 रूपये , 2000 रूपये के नये नोट लाएगी
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