Monday, 16 January 2017

China Great Wall In Hindi//चीन की विशाल दीवार का इतिहास और किस्से

चीन की विशाल दीवार 
चीन की विशाल दीवार मिट्टी और पत्थर से बनी एक किलेनुमा दीवार है जिसे चीन के विभिन्न शाशको द्वारा उत्तरी हमलारो से रक्षा के लिए पांचवी शताबदी ईसा पूर्व से लेकर सोलहवी शताब्दी तक बनवाया गया इसकी विशालता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है की इस मानव निर्मित ढांचे को अंतरिक्ष से भी देखा जा सकता है इस दीवार के हिस्सो /शाखाओ को आपस में जोड़ दिया जाये तो यह अंदाजा लगाया गया है की इस महान विशाल दीवार के निर्मांण कार्य में 20 से 30 लाख लोगो ने अपना जीवन लगा दिया था और इस दीवार पर मिग वंस की सुरक्षा हेतु 10 लाख से अधिक लोग नियुक्त रहते थे।  इस विशाल दीवार की ऊँचाई हर जगह एक जैसी नही है इसकी सबसे ज्यादा ऊंचाई 35 फुट जबकि कुछ जगह तो 8 से 9  फुट ही ऊँचाई है। इस दीवार को चीन के लोग "वान ली छांग छंग " कहते है जिसका अर्थ होता है "चीन की विशाल दीवार "  

           चीन की महान दीवार हमेशा अजेय नही रह सकी सन 1211 ईस्वी में चंगेज खान ने इस दीवार पर हमला किया था और इसे तोड़ कर चीन में दाखिल हुआ था। चीन की महान दीवार को बनाते समय जो मजदुर काम करते करते कमजोर पड़ जाते थे और उनकी मोत हो जाती थी उन्हें उसी जगह पर दफना दिया जाता था और माना जाता है की इस दीवार को बनाने में लगभग 3000 मजदूरो की जान गई और कैयो ने अपनी पूरी जिंदगी इस दीवार को बंनाने में लगा दी।  इसलिये इस दीवार को लम्बे कब्रिस्तान भी कहा जाता है 

           चीन में राज्य की रक्षा करने के लिए दीवार बनाने की शुरुआत आठवी शताब्दी ईसापूर्व में हुई उस समय कुई , यान और जाहो राज्यो ने तीर और तलवारो से होने वालो आक्रमणों से बचने के लिए मिट्टी और कंकड़ की सहायता से ईंटे बनाई और फिर इन ईटो से दीवार का निर्माण कार्य शुरू किया गया आगे चलकर चिन कीन 
साम्रज्य के अंतर्गत आ गया और किन साम्रज्य ने सभी छोटे राज्यो को एक एक करके एक अंखड चीन की रचना की और विभिन्न राज्यो द्वारा बनाई गई दीवारों को एक करके विशाल चीन की दीवार का निर्माण किया गया। आज यह दीवार विश्व में चीन का नाम ऊँचा करती है और यूनेस्को द्वारा 1987 में इसे विश्व धरोहर घोषित किया गया। इतना ही नही चीन की इस दीवार को सात अजूबो में भी गिना जाता है। 









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