Sunday 24 January 2016

तिरंगा फहराते और प्रयोग करते समय रखी जाने वाली सावधानियां

भारतीय ध्वज सहिता 2002 के अनुसार भारत का राष्ट्रीय झंडा तिरंगा राष्ट्रीय गौरव का प्रतीक है।  

१. झड़े को सम्मानजनक स्थान पर फेहराया जाये, जहा से वह स्पष्ट रूप से दिखाई दे।
२. ध्यान रहे, झंडा सूर्योदय से सूर्यास्त तक फेहराया जाता है, फिर उतारना जरुरी है।
३. झंडे को सदा स्फूर्ति से फहरया जाये और धीरे-धीरे आदर के साथ उतारा जाये।
४. सभा में जब वक्ता का मुँह श्रोताओ की ओर हो, तो झंडा उनके दाहिने ओर हो।

५. अधिकारी की गाड़ी पर बीचोबीच या कार के दाई ओर ही झंडा लगाया जाये।
६. ध्यान रहे, किसी भी स्थिति में फटा या मैला झंडा नही फहराया जा सकता।
७. किसी दूसरे झंडे को राष्ट्रीय ध्वज से ऊपर या बराबर में न फहराया जाये।
८. राष्ट्रीय ध्वज पर कुछ भी लिखा या छपा हुआ नही होना चाहिए।
९. जब झंडा फट जाये या मैला हो जाये, तो उसे एकांत में पूरा नष्ट किया जाये।

नियमो में हुआ था संशोधन 

 भारतीय नागरिक अब रात में भी राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा फहरा सकते है, इसके लिए शर्त होगी कि झंडे का पोल वास्तव में लम्बा हो और झंडा खुद भी चमके।

 गृह मंत्रालय सांसद नवीन जिंदल को ओर से इस संबंध में रखे गए प्रस्ताव के बाद यह फैसला हुआ।